जानिए कैसे नेता सोशल मीडिया पर आपका उपयोग कर दंगे करा देते हैं ?

कैसे नेता करते है नफरत फैलाने के लिए आपका उपयोग ?


तो भैया आजकल आपका पूरा व्हाट्सएप्प आपके धर्म से विरोध में नारे लगाते हुई भीड़ के वीडियो से भर गया होगा , उन्हें देख देख के आपका खून भी उबल रहा होगा और अब आप उन लोगो के प्रति नफरत से भर गए होंगे और उस वीडियो के साथ 4 गालियां लिख कर आप अपने सारे ग्रुप में पोस्ट भी करने वाले होंगे और साथ में यह भी लिखने वाले होंगे  की "देखो इन लोगो को अगर हमने हमारे नेताजी को वोट नहीं किया तो यह हमें बर्बाद कर देंगे, हमारा जीना दूभर कर देंगे इसलिए इन्हें इस देश से निकाल फेकना ही होगा"
पर यह सब मत कीजियेगा , वह मैसेज आगे बढ़ा कर आप कोई देशभक्ति का काम नहीं कर रहे होंगे बल्कि आप उन नेताओं को दंगे फ़ैलाने के उनके मकसद में मदद कर रहे होंगे ।

केस स्टडी : "हिंदुओ से आजादी" केस

अब आप कह रहे होंगे की बेटा तुम ज्ञान तो बहुत बघार लिए , अब बताओ तुम्हारे पास अपनी बात को प्रूव करने का , साबित करने का सबूत क्या है तो आइए चलिए एक केस स्टडी करते है, हाल फिलहाल हुए JNU पर हमले के केस से जुड़ा..
JNU पर हुए इस हमले के विरोध में JNU के पूर्व छात्र उमर  खालिद के नेतृत्व में मुंबई के गेटवे ऑफ़ इंडिया पर प्रदर्शन हुआ , प्रदर्शन में वामपंथियों का पसंदीदा नारा "आजादी" लगाया गया...
अब भ्रामक जानकारियों का यह खेल यहाँ से होता है शुरू....
तेजिंदर पाल सिंह बग्गा जो की बीजेपी के प्रवक्ता है और मोदी जी के नाम पर टी शर्ट्स भी बेचते है ने गेटवे ऑफ़ इंडिया , मुम्बई का एक वीडियो ट्वीटर पर शेयर किया जिसमें बग्गा जी ने बताया कि 
"मुस्लिम और लेफ्ट के लोग ने फिर से हिंदुओ से आजादी के नारे लगाए गेटवे ऑफ़ इंडिया और उन्होंगे मुम्बई पुलिस को और उद्धव ठाकरे को टैग करके लिखा की क्या आप एक्शन लेंगे या इन गुंडों का समर्थन करेंगे"

तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने दावा किया कि इस वीडियो में उमर खालिद "हिंदुओ से आजादी" के नारे लगा रहे है...

क्या था उस वीडियो का सच....


जब बात बड़ी तो fake news exposing साइट alt news ने इस मामले में पड़ताल की और तेजिंदर पाल सिंह बग्गा का किया हुआ दावा झुठा पाया उन्होंने उसी घटना क्रम के, उसी समय के पास से लिए वीडियो को देखा और बताया कि उमर खालिद ने "हिंदुओ से आजादी" का नारा नहीं "CAA से आजादी" का नारा लगाया था, जिसे बग्गा ने अपने मतलब के लिए ट्वीट में तोड़ मरोड़कर और वीडियो के दूर से लिए जाने की वजह से आवाज में आयी अस्पष्टता का सहारा लेकर कुछ से कुछ ही साबित कर दिया ,

बग्गा के ट्वीट को अब तक 14 हजार लोगो ने retweet किया और facebook और व्हाट्सएप्प के माध्यम से यह अब तक करोडो लोगो तक पहुँच गया होगा , हो सकता है आपके पास भी आया हो और हो सकता है कि आपने भी गुस्से में अपने एकाउंट्स पर शेयर भी करा हो...
अब इस तरह के फर्जी भड़काऊ वीडियो से नफ़रत तो फैलती ही है लोगो में बदला लेने की भावना भी जागती है और इस वक्त देश की हवाओं में जो बारूद फैला है उसमे चिंगारी का काम करते है इस तरह के वीडियो....

लेखक के दिल से

तो बस अंत में इतना ही कहना चाहूँगा की सोशल मीडिया पर आये किसी भी वीडियो और जानकारी पर आँख बंद कर भरोसा न करे ..
अखबारों का सहारा ले,
किताबो का सहारा ले,
न्यूज़ चैनलो से खबर पक्की करे,
आधिकारिक सोत्रो से पता करे ,
सोशल मीडिया आपकी बात दुसरो तक पहुचाने के लिए वरदान है पर ध्यान से......
जाने अनजाने कही आप इसका उपयोग देश में दंगे भड़काने में तो नहीं कर रहे..
जय हिंद
आपका 
"सच"


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