जानिए कैसे 60 की उम्र में दादी बनी शूटर दादी ?😎

                   शूटर दादी,रिवाल्वर रानी

"छोरियां अब बंदूक चलावे हैं। बुड्ढी का दिमाग खराब हवे है। कारगिल में लड़न के लिए भेज दें। बड्डी निशानची बने है।"

गाँव के मर्दो से यह सुनने से लेकर आज उन्ही के परिवार की लड़कियों को शूटिंग में करियर बनाने में प्रेरित करने तक की कहानी जो शूटर दादी के नाम से मशहूर प्रकाशी तोमर और चन्द्रो तोमर ने लिखी है वह वह हर वर्ग की महिला के लिए प्रेरणा सोत्र है। 
प्रकाशी तोमर की जिंदगी आम ग्रामीण महिला सी ही चल रही थी सुबह ऊठ कर घर गृहस्ती का काम करना फिर बेटी को लेकर शूटिंग प्रैक्टिस के लिए उसे रेंज ले जाना वापस लाना और वापस अपनी घर गृहस्ती में व्यस्त हो जाना....
पर प्रकाशी तोमर जी की जिंदगी में रातों रात तब बदल गयी जब शूटिंग रेंज में बोरियत के ऊब कर उन्होंने पिस्टल पर हाथ आजमाने की सोची और उनका निशाना पहले ही प्रयास में बिलकुल ठिकाने पर जाकर लगा और कोच की नजर उन पर पड़ी ।
उन्होंने जब अपने इस शौक के बारे में अपनी जेठानी चंद्रो तोमर को बताया तो उन्होंने भी प्रकाशी जी के साथ इसका अभ्यास शुरू कर दिया पर उन दोनों की असली अग्नि परीक्षा तो अभी बाकी थी और उनकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनी भारतीय समाज की रूढ़िवादी सोच,  एक और बाहर जहाँ वह दोनों समाज के तानो से लड़ रही थी तो दूसरी ओर थी उनकी घर गृहस्ती के प्रति जवाबदारी पर उन्होंने हार न मानते हुए दोनों के प्रति जो समर्पण दिखाना वह भारत ही नहीं पूरी दुनिया के लिए मिसाल बन गया और आज भी 70 से अधिक की उम्र में भी निशानेबाजों को प्रेरित कर रही है।

जब मुकाबला हुआ दिल्ली के DIG से

दिल्ली में हुई एक शूटिंग प्रतियोगिता में दादी का मुकाबला हुआ दिल्ली के DIG साहब से पर दादी ने वहाँ पर भी एक तरफ़ा झंडे गाड़ते हुए सोना जीता और इस बात को DIG साहब इतना दिल पर ले लिए की फोटो खिंचवाने स्टेज पर ही नहीं चढ़े
दादी के बारे में एक और दिलचस्प बात यह है कि दादी के 8 बच्चे और 15 पोते पोतियां है  


उपलब्धियां
दोनों दादीयो ने कई प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते है और प्रकाशी जी को तो भारत सरकार द्वारा आइकॉन लेडी अवार्ड से भी सम्मानित किया गया और महामहिम राष्ट्रपति जी के साथ भोजन पर भी आमंत्रित किया गया प्रकाशी दादी की बेटी सीमा तोमर आज शूटिंग के क्षेत्र में अंतराष्ट्रीय स्तर पर जाना पहचाना नाम है और शूटिंग वर्ल्ड कप में मैडल जीतने वाली एक मात्र भारतीय है और दोनों के संघर्ष पर भूमि पेडनेकर और तापसी पन्नू अभिनीत अनुराग कश्यप की मूवी भी बनकर रिलीज़ के लिए तैयार है ।

Update : दादी की हाल फिलहाल में तबियत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था हालांकि कुछ दिनों के बाद डॉक्टर ने उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया है

लेखक के दिल से :

शूटर दादी की इन सब उपलब्धियों के साथ साथ सबसे बड़ी बात तो यह की किस तरह उन्होंने अपने से कई लड़कियों को प्रभावित किया और अपने पूरे इलाके की लड़कियों के लिए आगे बढ़ने के दरवाजे खोल दिए और तानो को तालियों में परिवर्तित कर दिया ।





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