एम्बुलेंस की मोहताज हो गयी आइंस्टीन को चुनौती देने वाले गणितज्ञ की देह ।

एम्बुलेंस की मोहताज हो गयी आइंस्टीन को चुनौती देने वाले गणितज्ञ की देह      



Pic source : the quint

भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ और आइंस्टीन के सिद्धान्तों को चुनौती देकर प्रसिद्ध हुए डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह जी का देहांत पटना के पीएमसीएच हुआ , वह 77 साल के थे और करीब 40 साल से सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित थे ।
उनकी प्रसिद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी ने भी ट्वीट करके उनके निधन पर शोक जताया है 

राष्ट्रपति जी का ट्वीट

प्रधानमंत्री जी का ट्वीट

अब आप इस चित्र को देखिये 

इस चित्र में जिस व्यक्ति की देह स्ट्रेचर पर लेटी है डॉ वशिष्ठ नारायण सिंह जी की है और बगल में जो सज्जन खड़े है वह इनके परिजन है और उनका कहना है कि अस्पताल की तरफ से उन्हें कोई एम्बुलेंस मुहैया नहीं करायी गयी और वह 2 घंटे खुले में वशिष्ठ जी की देह को लेकर एम्बुलेंस आने का इंतजार करते रहे और अंत में स्वयं की व्यवस्था करके शव को घर ले गए ।

अब सवाल यह है कि क्या हम अपने देश की महान प्रतिभाओं का ऐसा अंत देख सकते है ??

बड़े बड़े पदों पर बैठे नेताओ के सिर्फ ट्वीट कर देने से उन्हें वो सम्मान मिल जायेगा जिसके वो हक़दार थे ??

क्यों भारत का राजतंत्र इस दोहरी राजनीती से बाहर क्यों नहीं आता ??

और क्यों हम सब इस तरह से देश के महान व्यक्तियों का अपमान होने पर आवाज नहीं उठाते ??

धर्म की लड़ाई, पाकिस्तान और बॉलीवुड की खबरों को दिखाने में व्यस्त मीडिया वाले इस खबर पर आँख मूंदे बैठे है ,
तो अब संजय की आँख मूंद ले तो धृतराष्ट्र को हाल ही कोन सुनाए।

अब क्या वशिष्ठ जी के देहांत पर "अत्यंत दुःख" प्रकट करने वाले प्रधानमंत्री जी अपने ही गठबंधन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को फटकार लगाएंगे और क्या नितीश कुमार अपने सरकारी तंत्र की तरफ से माफ़ी मांगेंगे ।

दुःख होता है सुपर पावर बनने का ढोल पीटते और आत्म मुग्धता के नशे में मस्त भारत के राजतंत्र की यह हालत देख कर ।
अब हम लेखक है अपनी तरफ से लिख कर अपना कर्तव्य पूरा कर रहे है , 
आप पाठकों से भी उम्मीद रहेगी की आप इस ब्लॉग को आगे शेयर करे ताकि और ज्यादा लोग यह सच जाने ।

-एक शर्मसार भारतीय



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