इश्क़ इन भोपाल : A Bhopali love story

BHOPALI LOVE STORY                         
                                                     इश्क़ इन भोपाल 
                     
इश्क़ इन भोपाल : A Bhopali love story

शाम का वक्त था, 
रोड के बगल में दूर तलक दिखती झील और उसमें डूबते सूर्य से पानी में तैरती लालिमा माहौल में एक अजीब सी मिठास घोल रही थी, किनारे लगी राजा भोज की प्रतिमा भी आज जरा सा ज्यादा मुस्कुरा रही थी इसी बीच इसी सड़क एक बाइक पर एंट्री होती है हमारे हीरो की ,
नाम "राहुल ठाकुर" उम्र यही कोई 20-21 के आस पास, गेहुआ रंग औसत कद काठी , चमड़े का जैकेट डालें किसी Normal college going student  जैसा हुलिया,
 राहुल एक हाथ से बाइक का handle सँभालते तो एक हाथ से अपने बालों को संवारते अपनी ही धुन में सरपट चला जा रहा था , वह कभी एक तरफ दिनभर जलते जलाते हुए रवि को पानी की शीतलता में विलीन होते देखता तो कभी दूसरी बगल में दिन भर सीना ताने खड़ी इमारतों को....

तभी इस सड़क पर भोपाल old city से आते हुए रास्ते से एक जीप मुड़ती है राहुल की नजरें इधर उधर भटकते भटकते अचानक जीप पर रुक सी जाती है , वह देखता है कि जीप में एक परिवार सैर को निकला हुआ है और पीछे की सीट पर एक लड़की बैठी है, पूरी तरह सजी धजी वह जीप खुली होने के कारण बैतरबीत तरीके से उड़ रही अपनी जुल्फो को अपने चेहरे से हटा कर कभी अपनी कभी अपने कानों के पीछे दबाती तोह कभी हवा में लहराते अपने दुप्पटे को सही करती यह सब देख कर राहुल के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गयी ,इधर राहुल का मुस्कुराना हुआ की उधर उस लड़की का राहुल की तरफ नजर घुमाना हुआ , किसी अनजान लड़के को अपनी ओर यूँ मुस्कुराता हुआ देखकर उसने राहुल को गुस्से भरी नजरों से घूरा और झट से जीप का पिछला पर्दा गिरा दिया , अगले चौराहे से दोनों वाहनों ने अपने रास्ते जुड़ा कर लिए , राहुल को वैसे तो पहली नजर के प्यार जैसी बातों पर भरोसा नहीं था पर कुछ तो था उसकी आँखों में जो दिखने में बगल से बहती झील को भी टक्कर दे दे और उसके तलवार से तेज गुस्से में , कुछ तो था उस लड़की में जिसने राहुल को अपनी ओर आकर्षित किया, खैर अब वह गाड़ी ,वह सड़क वह लड़की, वह खूबसूरत VIP रोड सब पीछे छूट चुके थे......
गुलाबी सा माहौल अब अँधेरे में तब्दील होने लगा था ,
राहुल ने भी अपने मन में आ रहे इन फालतू ख़यालो को यही छोड़ते हुए अपने घर की और बड़ गया...

अगली सुबह 

राहुल कॉलेज जाने के लिए अपनी कॉलेज बस में चढ़ता है और आज 1st year की batch का first day होने के कारण बड़ी हुई भीड़ देखकर झल्ला सा जाता है , खूब ढूंढने पर उसे जब कोई खाली सीट नहीं मिलती है तो वह अपनी पसंद की सीट पर जाकर वहाँ बैठे लड़के को उठने का इशारा करता है , वह लड़का न चाहते हुए भी उठता है और गंदा सा मुँह बनाते हुए अपने सीनियर को सीट दे देता है , राहुल रोज की तरह अपने earphone कान में ठूसने ही वाला होता है कि पीछे से एक आवाज आती है

"GOOD MORNING SIR"

यह आवाज वसीम की थी , वह पलट कर इसका जवाब देने ही वाला होता है कि पीछे वाली सीट पर वसीम की बगल में बैठी लड़की को देखकर वह सन्न हो जाता है, यह तो वही थी..
उसी जीप वाली1 लड़की को देखकर वह झेंप सा जाता है और वसीम तरफ मुड़कर कहता है

"Good morning ,कैसे हो ? "

"बढ़िया हूँ सर ,इससे मिलिए यह मेरी neighbour है ताहिरा , 1st year में admission लिया है"
वसीम ने अपने बगल में बैठी उसी लड़की की और इशारा करते हुए एक ही साँस में तेजी से कहा,

राहुल को इसी का तो इंतजार था  कि किसी तरह उसकी उससे कोई बात हो ,
ताहिरा ने अपना हाथ आगे बढ़ाते हुए कहा

"Good morning sir"

"Good morning, which branch "

"EC , sir, आपकी कोनसी है सर "

"Civil" 

फिर कुछ देर तक awkward सी चुप्पी छायी रही , चुप्पी को तोड़ने के लिए राहुल ने यूँ ही कह दिया,

"वैसे आप हमेशा ही इतने गुस्से में रहती है कि मैं कुछ special था"

"आप कल की बात कर रहे है"

"हाँ जी"

"नहीं सिर्फ तब आता है जब कोई किसी खूबसूरत लड़की को हँसकर न देखते हुए , देखकर हँस रहा हो"

ताहिरा का इतना कहना था कि दोनों खिल खिला कर हँस दिए
फिर राहुल आगे अपनी खिड़की में देखता हुआ, बाहर के नजरो खो गया और ताहिरा अपने फ़ोन में पर दोनों के चेहरों पर एक हलकी सी मुस्कान थी , शायद एक नयी दोस्ती की मुस्कान😊

क्या यह दोस्ती इश्क़ में बदल पायी ?
पढ़िए अगले ब्लॉग में ❤️❤️❤️ 
तब तक के लिए अलविद😊

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