कहानी : कागज की नाव और बचपन

                     "कागज की नाव और बचपन"


कहानी : कागज की नाव और बचपन

छोटा था तब मैं कागज की नाव में अपना बचपन बिठा कर बारिश के बहते पानी में छोड़ देता था,
समझ थी नहीं... तो नाव मजबूत बनती नहीं थी ,
कुछ दूर जाकर डूब जाती थी...बचपन पानी में लुढक जाता था
मैं भी मजे से उसी पानी में मस्ती करते हुए अपना बचपन वापस उठा लाता था और फिर इंतजार करता था अगली बारिश का...
हर बार यही होता....
पर धीरे धीरे मैं बड़ा हो गया मुझे नाव बनाना अच्छे से आ गयी..
एक दिन फिर बारिश आयी मैंने नाव बनायी और फिर से बचपन बिठा के छोड़ दिया पानी में
पर यह क्या अबकी बार नाव डूबी ही नहीं वह तो सरपट आगे निकल गयी थी ...
पानी के तेज़ बहाव के साथ ...
अब वह नाव तो निकल गयी..
बचपन भी निकल गया...
पीछे रह गया मैं अकेला...
अभी भी वही हूँ,
 सोच रहा हूँ की .......क्या गलती कर दी थी बड़ा होकर....
पर जो भी है अब है ....

वैसे आपको पहली बारिश मुबारक🙂

-शुभम जाट

टिप्पणियाँ

  1. Your words touch the core of heart...how can sm1 write so Relatable and realistic! Keep the good wrk up! Wish for more write ups 4m uh soon!🤩🤩

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  2.     "एक लड़की भिगी भागी सी"
    अब सबसे पहले तो ये टॉपिक देख कर मुझे गाना याद आ रहा है आपको भी आ रहा होगा
          ❤️  एक लड़की भीगी भागी सी
    सोती रातों में जागी सी
    मिली एक अजनबी से
    कोई आगे न पीछे ,  तुम हो कहो ये कोई बात है ........ हूहू ....
            बरसात चाहे वास्तविक जीवन  में हो या फिल्म में ,बारिश के द्श्य का फिल्मांकन… इसका अपना अलग ही मजा है।
    भीगा-भीगा समां। छम-छम बरसती बूंदें। सावनी लहरिया पहने प्रकृति , ओहो ओहो क्या कहना ?
           मौसम हो बारिस का , तो  खास कर लड़कियों को पता नही क्या हो जाता है  उनका मन  मचलने लगता है अठखेलिया करने लगता है ।
               लड़कियाँ  बारिस में  भीग कर बिल्कुल एक प्रकार से प्रकृति की तरहा हो जाती है   जैसे बारिस में छोटे पौधे कुछ बड़े होने लगते है ,बड़े कुछ और बड़े होने लगते है  चारो तरफ हरा-भरा नज़र आने लगता है ,जैसे प्रकर्ति ने  अंगड़ाइयां ली हो और उसका यौवन उमड़ रहा हो  ठीक वैसे ही ये चुलबुली लड़कियां होती है ।
        हर लड़की चाहती है कि वो बारिश में अपने पार्टनर के साथ हाथों में हाथ डाले यूं ही सड़कों पर घंटों घुमती रहें। ऐसा करते समय वो अपने साथी से प्यार भरी बातें करें ओर मस्ती करे ।
    इसी बात पर हमें एक गाना याद आ रहा है जो हम गुन गुना रहे है .....
                 ❤️ आज रपट जाए तो हमे न उठाना .............
            मन मे हजारो उमंग लिए ,  सपनो में अपने  राजकुमार  के साथ एक ही छतरी के नीचे भीगते हुए,    उसके साथ रोमैंस करते हुए , ओर भी ना जाने कितने ही सपने संजो बैठती है ।बारिस के इस मोसम में न जाने अपनी ख्वाहिशो के पर लगा कर इधर उधर उड़ती रहती है ,चहचहाती रहती है  जैसे गुलिस्तां में कोई फूल खिला हो इस तरह ये  हँसती खिलती रहती है ।
            बारिस में भिगी लड़कियां छुई मुई के पौधे जैसी होती है छुओ तो मुरझा जाती है   और नही, तो खिली रहती है । 
    प्रतिलिपि जी वाले आप भी  इस मानसून का मजा हमारी कहानियां पढ़ कर ले रहे हो  आप भी किसी की रोमांटिक कहानी पढ़ कर  रोमांचित हो जाते होगें ओर  मायूस सी कहानी पढ़ कर मायूस हो जाते होगें , यानी जिस तरह की कहानी उसी किरदार में अपने आपको महसूस करते होंगे आप भी।
       
                   ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️
                       J.jain

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